Gazal ....आश्ना होते ही उस इश्क़ ने मारा मुझ कोआसाँ नहीं है तन्हा दर उस का बाज़ करनाआसान-ए-हक़ीकी है न कुछ सहल-ए-मजाज़ीआसार-ए-रिहाई हैं ये दिल बोल रहा हैइक आफ़त-ए-जाँ है जो मुदावा मिरे दिल काइक ख़्वाब का ख़याल है दुनिया कहें जिसेइक ज़ख़्म भी यारान-ए-बिस्मिल नहीं आने काइक दानिश-ए-नूरानी इक दानिश-ए-बुरहानीइक नज़र में दर्द खो देना दिल-ए-बीमार काइक पल की दौड़ धूप में ऐसा थका बदनइक फ़साना सुन गए इक कह गएइक सुब्ह है जो हुई नहीं हैइक़बाल यूँही कब तक हम क़ैद-ए-अना काटेंइजाज़त कम थी जीने की मगर मोहलत ज़ियादा थीइज़्न-ए-ख़िराम लेते हुए आसमाँ से हमइतना आसाँ नहीं मसनद पे बिठाया गया मैंइतना तिलिस्म याद के चक़माक़ में रहाइतना यक़ीन रख कि गुमाँ बाक़ी रहे