G azal..Hindi.

अपने हाथों की लकीरों में बसा ले मुझको मैं हूँ तेरा तो नसीब अपना बना ले मुझको। मुझसे तू पूछने आया है वफ़ा के माने ये तेरी सादा-दिली मार ना डाले मुझको। ख़ुद को मैं बाँट ना डालूँ कहीं दामन-दामन कर दिया तूने अगर मेरे हवाले मुझको। बादाह फिर बादाह है मैं ज़हर भी पी जाऊँ ‘क़तील’ शर्त ये है कोई बाहों में सम्भाले मुझको। —